स्टील प्लांट से एचआर क्वाइल का उत्पादन शुरू तकनीकी समस्या दूर करने 4 दिनों तक टिके रहे अधिकारी-कर्मचारी
जगदलपुर। 24 अगस्त की तारिख बस्तर के इतिहास में स्टील उत्पादक क्षेत्र के रूप में दर्ज हो गई। बस्तर के सपनों का कारखाना नगरनार स्टील प्लांट ने गुरुवार 24 अगस्त से हाट रोल्ड क्वाइल का उत्पादन शुरू कर दिया। दोपहर डेढ़ बजे हाट स्ट्रिप मिल से क्वाइल का पहला रोल बाहर आते ही स्टील प्लांट की कमीशनिंग (उत्पादन शुरू करने) के लिए दिन रात काम कर रहे अधिकारी-कर्मचारी, तकनीशियन, विशेषज्ञ दल और श्रमिकों के चेहरे खिल गए। शंखनाद कर स्टील उत्पादक बनने की खुशी व्यक्त की गई। मिशन स्टील प्रोडक्शन में लगे लोगों ने एक- दूसरे को बधाई दी। इस अवसर पर एनएमडीसी के अध्यक्ष सह प्रबंधक निदेशक अमिताव मुखर्जी, निदेशक मंडल के सदस्य विनय कुमार, डीके मोहंती, बी सुरेश, अधिशासी निदेशक व स्टील प्लांट प्रोजेक्ट के प्रमुख के प्रवीण कुमार भी उपस्थित थे।
प्लांट की कमीशनिंग के अंतिम चरण की प्रक्रिया 21 अगस्त को स्टील मेल्टिंग शाप (एसएमएस) का परिचालन शुरू कर किया गया था। उसी दिन देर रात तक अंतिम उत्पाद हाट रोल्ड क्वाइल का उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य था लेकिन थिन स्लैब कास्टर में तकनीकी समस्या आ जाने से उस दिन इतिहास नहीं बन पाया था। पिछले चार दिनों से एनएमडीसी मुख्यालय हैदराबाद से पहुंचे वरिष्ठ अधिकारी भी इसी जिद में यहां डटे रहे कि क्वाइल का उत्पादन शुरू करवा के ही लौटेंगे। देश-विदेश के दो सौ विशेषज्ञों की टीम भी लगातार तकनीकी समस्या को दूर करने में जुटी थी।
23 अगस्त को इस्पात सचिव नागेन्द्रनाथ सिन्हा और अतिरिक्त सचिव व इस्पात मंत्रालय में वित्त सलाहकार सुकृति लेखी भी नगरनार पहुंची थी। इनसे चर्चा में सीएमडी ने भरोसा दिलाया था कि 24 घंटे के अंदर क्वाइल का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। विशेषज्ञों और अधिकारियों-कर्मचारियों के परिश्रम से गुरुवार को क्वाइल बनाने में सफलता मिल गई। इसके लिए समूचे बस्तरवासी दशकों से इंतजार कर रहे थे। हाट रोल्ड क्वाइल की आटोमोबाइल सेक्टर में सबसे ज्यादा मांग है।
स्टील प्लांट बस्तर की शान
क्वाइल का उत्पादन शुरू होने पर सीएमडी अमिताव मुखर्जी ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि 24 अगस्त की तारिख बस्तर के इतिहास में दर्ज हो गई। हम सबने मिलकर यह इतिहास बनाया। हम सब इसके हिस्सेदार हैं। नगरनार स्टील प्लांट बस्तर के लोगों की शान है। मुखर्जी ने कहा कि हमें खुशी है कि हमारी टीम ने बस्तर को यह सौगात देने में सफल रही है। बस्तर के विकास को यह स्टील प्लांट नई उंचाइयों तक पहुंचाएगा जिसका सपना बस्तरवासी दशकों से देखते रहे हैं।
इस तरह आगे बढ़ाई गई कमीशनिंग की प्रक्रिया
01- स्टील प्लांट की अनुमानित लागत- 25 हजार करोड़ आंकी गई है।
02- स्टील प्लांट के लिए पहली आधारशिला 23 सितंबर 2003 को रखी गई जिस पर काम नहीं हो पाया।
03- दोबारा तीन सितंबर 2008 काे आधारशिला रखी गई।
04- प्लांट में अलग-अलग संयंत्राें के निर्माण के लिए आठ देशों की तकनीकी का उपयोग किया गया।
05- स्टील प्लांट का निर्माण 2011 में शुरू हुआ।
06- स्टील प्लांट के काम को 67 छोटे-बेड़े हिस्सों पैकेज में बांटकर आगे बढ़ाया गया।
07- कमीशनिंग की प्रक्रिया चरणबद्ध रूप से पिछले दो साल से चल रही थी।
08- 24 अक्टूबर 2022 को कोक की हीटिंग कर 28 अक्टूबर से कोक का उत्पादन शुरू किया गया।
09- 12 अगस्त 2023 को ब्लास्ट फर्नेस की कमीशनिंग की गई।
10- 21 अगस्त 2023 को स्टील मेल्टिंग शाप की कमीशनिंग की गई।
11- 24 अगस्त 2023 को हाट रोल्ड क्वाइल का उत्पादन शुरू किया गया।
12- देश का दूसरा सबसे बड़ा ब्लास्ट फर्नेस (4506 क्यूबिक मीटर) नगरनार स्टील प्लांंट में है।
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