प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 22 अगस्त की शाम करीब सवा पांच बजे पहुंचे, इस दौरान उनका एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया, पीएम मोदी यहां राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर आए हैं और वो 22 से 24 अगस्त तक रहेंगे, पीएम मोदी के स्वागत में एयरपोर्ट पर काफी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग मौजूद रहे, इस दौरान मोदी ने लोगों का अभिवादन किया और हाथ भी मिलाया, पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना होने से पहले विश्वास जताया कि यह सम्मेलन सदस्य देशों को भविष्य के सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने और संस्थागत विकास का जायजा लेने का उपयोगी अवसर प्रदान करेगा, ब्रिक्स समूह में भारत के अलावा रूस, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका है, साल 2019 के बाद ब्रिक्स नेताओं का पहला आमने-सामने का शिखर सम्मेलन है, पीएम मोदी ने ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर लिखा, “मैं ‘ब्रिक्स-अफ्रीका आउटरीच’ और ‘ब्रिक्स प्लस डायलॉग’ कार्यक्रमों में भी शामिल होऊंगा, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए चिंता का सबब बने विभिन्न मुद्दों और विकास के अन्य क्षेत्रों पर चर्चा करने के वास्ते मंच प्रदान करेगा.” मोदी ने कहा कि वह कई अतिथि देशों के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं, जिन्हें इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है, उन्होंने कहा कि मैं जोहानिसबर्ग में मौजूद कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने को लेकर भी उत्सुक हूं, पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच ब्रिक्स शिखर बैठक से इतर क्या चर्चा होगी? इस सवाल पर विदेश सचिव क्वात्रा ने सोमवार (21 अगस्त) को कहा कि पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठकों को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है, ब्रिक्स के विस्तार के लेकर क्वात्रा ने कहा, ‘‘जब ब्रिक्स विस्तार की बात आती है तो हमारा इरादा सकारात्मक है, ब्रिक्स का विस्तार शिखर बैठक का एक महत्वपूर्ण एजेंडा है, करीब 23 देशों ने समूह की सदस्यता के लिए आवेदन किया है, ब्रिक्स में शामिल देशों की कुल आबादी विश्व की जनसंख्या में 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 31.5 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार में 16 प्रतिशत योगदान है।ब्राजील, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका 2022 में 166 ब्रिक्स आयोजनों में रूस के साथ जुड़े और कुछ सदस्य रूस के लिए महत्वपूर्ण निर्यात बाजार बन गए, पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका के बाद 25 अगस्त को यूनान के अपने समकक्ष क्यारीकोस मित्सोताकिस के निमंत्रण पर एथेंस जाएंगे, उन्होंने कहा, “मुझे पिछले 40 सालों में यूनान की यात्रा करने वाला पहला भारतीय प्रधानमंत्री बनने का सम्मान प्राप्त होगा.”