18 साल में मध्यप्रदेश को भाजपा ने कहां से कहां पहुंचा दिया। आज मध्य प्रदेश एक फेल्ड स्टेट की श्रेणी में आता है, इसमें कोई संदेह नहीं है। अमित शाह ने रिपोर्ट कार्ड जारी कर बता दिया कि मुख्यमंत्री साइडलाइन कर दिए गए हैं और पूरा नियंत्रण अमित शाह का है। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में रविवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए यह बात कही। श्री तन्खा ने कहा कि आपने बड़े-बड़े इन्वेस्टर सबमिट किये, करोड़ों डॉलर के एमओयू किये? इन एमओयू का क्या हुआ? अगर यह एमओयू कामयाब होते तो आज मध्यप्रदेश के शहर बेंगलुरु और हैदराबाद की तरह आईटी हब बन गये होते । श्री तन्खा ने कहा की शिवराज सरकार ने सबके साथ अन्याय किया है। शिवराज सरकार ने शिक्षा व्यवस्था के साथ नौजवानों के साथ और स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ अन्याय किया है, उसके बाद यह किस चीज का रिपोर्ट कार्ड जारी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश का रिपोर्ट कार्ड 18 साल के मुख्यमंत्री नहीं देश के गृहमंत्री पेश कर रहे हैं। तंखा ने कहा कि अगर मैं 18 साल का मुख्यमंत्री होता मैं कभी किसी गृह मंत्री को अपने राज्य में अपने रिपोर्ट कार्ड में हस्तक्षेप नहीं करने देता। क्योंकि यह 18 साल शिवराज के थे, ख़राब थे कि अच्छे थे, लेकिन उनके ही थे। शाह ने रिपोर्ट कार्ड पेश किया। इसके दो कारण हो सकते हैं, एक हो सकता है अमित शाह को अब आप पर विश्वास नहीं करते, आपको साइड लाइन कर दिया गया है, इसलिए उन्होंने पूरी कैंपेन अपने हाथ में ले ली और दूसरा आपका सैल्फ कॉन्फिडेंस खत्म हो चुका है। मुझे इसमें दोनों की संभावना दिख रही है। विवेक तन्खा ने कहा कि मगर उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रदेश के प्रशासनिक हेड अर्थात चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैंस को दो-दो बार एक्सटेंशन दिया गया है। क्या मध्यप्रदेश में कोई दूसरा ऑफिसर काबिल नहीं है जो चीफ सेक्रेटरी बन सके ? तन्खा ने कहा कि ऐसी कौन सी खासियत है उनमें जिसके कारण आप उन्हें चीफ सेक्रेटरी बनाए हुए हैं। असल में उनकी इच्छा प्रशासन चलाने की नहीं है उनकी इच्छा राजनीति करने की है, और वह पीछे से इस बात की कोशिश में लगे हैं कि किस तरह अफसर को धमका कर शिवराज सिंह चौहान को फिर से मुख्यमंत्री बनाऊं।
पूर्व मंत्री भनोट बोले-
सरकार ने अमित शाह से बुलवाया झूठ
पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश की सरकार ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी झूठ बुलवाया। उन्होंने राज्य सरकार के वित्त विभाग द्वारा हाल ही में जारी एक पत्र को दिखाते हुए कहा कि नगरीय विकास एवं आवास की पीएम आवास योजना, । हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्रयोगशाला के लिए अनुदान पर रोक लगाई गई।स्कूल शिक्षा विभाग में उत्कृष्ट विद्यालय में दिए जाने वाला अनुदान पर रोक लगाई गई स्कूलों में बैठक व्यवस्था पर अनुदान पर भी रोक लगाई गई। तकनीकी शिक्षा विभाग में भी मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में पैसा देने पर रोक लगाई गई।