हाई कोर्ट की अवमानना पर छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर व एडिशनल कलेक्टर को जेल देश By Nayan Datt On Aug 18, 2023 जबलपुर। हाई कोर्ट ने छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह व तत्कालीन एडिशनल कलेक्टर अमर बहादुर सिंह को अवमानना के मामले में सात-सात दिन की जेल की सजा सुनाई। साथ ही 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। न्यायमूर्ति जीएस आहलूवालिया की एकलपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो शुक्रवार को सुनाया। पिछली सुनवाई में माना गया था दोषी उल्लेखनीय है कि मप्र हाई कोर्ट के निर्देश पर दोनों अधिकारी हाजिर हुए। एडिशनल कलेक्टर की ओर से याचिकाकर्ता को आधा वेतन देने की पेशकश की गई। वहीं महाधिवक्ता की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता को शासन अभी वेतन भुगतान कर देगी और बाद में दोषी अधिकारी से वसूल कर ली जाएगी। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उक्त अधिकारियों को कंटेम्प्ट आफ कोर्ट का दोषी माना था। यह था मामला प्रकरण के अनुसार छतरपुर स्वच्छता मिशन के तहत जिला समन्वयक रचना द्विवेदी को बड़ा मलहरा स्थानांतरित कर दिया गया था। दलील दी गई कि संविदा नियुक्ति में स्थानांतरण करने का कोई प्रावधान नहीं है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता डीके त्रिपाठी ने दलील दी कि इस मामले में हाई कोर्ट ने 10 जुलाई, 2020 को स्थानांतरण आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट की रोक के बावजूद याचिकाकर्ता को बड़ा मलहरा में ज्वाइनिंग नहीं देने के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इस पर याचिकाकर्ता ने उक्त अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की। कोर्ट ने यह कहा इस मामले में अवमाननाकर्ता अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में जवाब प्रस्तुत करने के लिए ओआईसी नियुक्त किया गया था। ओआईसी ने जवाब भी प्रस्तुत किया था। कोर्ट ने कहा कि अवमानना प्रकरण में संबंधित अवमाननाकर्ता को ही व्यक्तिगत हलफनामे पर जवाबदावा पेश करना होता है। कोर्ट ने कहा कि ओआईसी नियुक्त करके अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। चूंकि कोर्ट का स्थगन आदेश था, इसलिए उक्त अधिकारियों को याचिकाकर्ता की सेवाएं जारी रखने देना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं करके उक्त अधिकारियों ने अदालत के आदेश का खुला उल्लंघन किया है। Share
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