भारत और चीन के बीच चार महीनों बाद सैन्य कमांडर स्तरीय वार्ता, पूर्वी लद्दाख में हुई 19वें दौर की बातचीत
नई दिल्ली: भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने और क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए सोमवार को नए दौर की सैन्य वार्ता की। दोनों देशों के बीच यह सैन्य वार्ता लगभग चार माह के अंतराल पर हुई।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि कोर कमांडर स्तरीय 19वें दौर की बातचीत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो में हुई। बातचीत सुबह करीब 9.30 बजे शुरू हुई थी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली ने किया। इस कोर का मुख्यालय लेह में है। चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर ने किया।ॉ
अप्रैल में हुई थी 18वें दौर की सैन्य वार्ता
इससे पहले 23 अप्रैल को 18वें दौर की सैन्य वार्ता हुई थी जिसमें भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक के लंबित मुद्दों पर जोर दिया था। उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन वर्ष से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है। हालांकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई स्थानों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है।
द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने की आवश्यकता
विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले वर्ष बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक रात्रिभोज में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने की आवश्यकता पर चर्चा की थी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने 24 जुलाई को जोहानिसबर्ग में पांच देशों के समूह ब्रिक्स की बैठक के दौरान शीर्ष चीनी राजनयिक (वर्तमान विदेश मंत्री) वांग यी से मुलाकात की थी।
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