इंदौर। कालेज में पढ़ने वाले दिव्यांगों को इंदौर में आवास प्राप्त करने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उनके लिए छात्रावास शुरू करने के लिए जिला प्रशासन ने योजना बनाई है और सामाजिक न्याय व दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के आयुक्त को पत्र लिखा है।
उल्लेखनीय है कि दिव्यांगों को आवास शुल्क के नाम पर प्रतिमाह 750 से 1500 रुपये दिए जाते हैं। इतनी राशि में छात्रों को आवास शहर में नहीं मिल पाता है। इतना ही नहीं, कई लोग दृष्टिहीनों को कमरे किराए पर भी नहीं देते हैं। ऐसे में इंदौर में आकर उच्च शिक्षा की पढ़ाई करना दिव्यांग छात्रों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इंदौर में प्रदेश के अलग-अलग जिलों के विद्यार्थी भी कालेज की पढ़ाई के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी आते हैं। यही वजह है कि जिला प्रशासन ने अब कालेज में पढ़ने वाले दिव्यांगों के लिए छात्रावास शुरू करने पर बल दिया है।
छात्रावास को लेकर कलेक्टर ने लिखा पत्र
इंदौर के कलेक्टर इलैया राजा टी ने दिव्यांग छात्रों के लिए दो छात्रावास शुरू करने के संबंध में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के आयुक्त को पत्र भी लिखा है। इनमें छात्र व छात्राओं के लिए दो अलग-अलग छात्रावास शुरू होंगे। इन पर प्रतिमाह एक लाख 63 हजार रुपये खर्च होंगे। शुरुआत में 100 विद्यार्थियों के लिए छात्रावास शुरू करने की योजना है। छात्रावास में छात्रों के रहने के अलावा उनके भोजन के लिए प्रबंध किया जाएगा। छात्रावास में दो अधीक्षक, प्यून, रसोइया, सहायक रसोइया, चौकीदार व स्वीपर नियुक्त किया जाएगा।
अभी परदेशीपुरा छात्रावास में रहते हैं दिव्यांग
सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में कालेज में पढ़ने वाले करीब 40 दिव्यांग छात्र इंदौर में अध्ययनरत हैं। इनमें से कुछ बालकों को फिलहाल परदेशीपुरा स्थित छात्रावास में रखा गया है। हालांकि, इन्हें वहां भोजन की सुविधा नहीं मिलती है। छात्रों को अपने स्तर पर भोजन का प्रबंध करना पड़ता है। इसके अलावा दिव्यांग बालिकाओं के लिए एक एनजीओ द्वारा आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। हालांकि, दानदाताओं से सहयोग कम मिलने के कारण संस्था को इस छात्रावास के संचालन में भी परेशानी आती है।
प्रतिमाह मिलता है भोजन शुल्क
जिला प्रशासन द्वारा सामाजिक न्याय विभाग के माध्यम से शुरू किए जाने वाले छात्रावास में बीपीएल श्रेणी के छात्रों को निश्शुल्क व गरीबी रेखा के ऊपर जीवनयापन करने वाली श्रेणी के छात्रों के लिए प्रतिमाह भोजन शुल्क न्यूनतम 1500 रुपये लिए जाने का प्रविधान रखा गया है।
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