महाविद्यालय के बाबू ने संविदाकर्मी बने रहने के लिए मांगे 20 हजार रुपए आवटसोर्स में नाम डालने की दी धमकी
मंदसौर। राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पदस्थ बाबू पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग के उज्जैन संभाग के अतिरिक्त संचालक डा. एचएल अनिजवाल पहुंचे। उन्होंने महाविद्यालय के संविदाकर्मियों से सीधे अलग-अलग चर्चा कर मामले की जांच की।
उन्होंने कहा कि कालेज में पदस्थ हेड क्लर्क धर्मेंद्र आर्य पर संविदा कर्मचारियों के पद को लेकर रुपये मांगने की शिकायतें मिली थी, इसकी जांच के लिए पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने संविदा कर्मियों को खुश करते हुए घोषणा की है कि अब संविदा कर्मियों को नियमित कर्मचारियों की तरह ही वेतन मिलेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री से की शिकायत
राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पदस्थ कुछ संविदा कर्मियों ने शिकायत की है कि हेड क्लर्क धर्मेंद्र आर्य परेशान करते हुए रुपये की मांग करने लगा है। बाबू ने संविदा कर्मियों को कहा था कि रुपये दोगे तो ही संविदाकर्मी बने रहोगे नहीं तो आउटसोर्स में जा सकते हो। बताया जा रहा है कि शुरुआत में 5-5 हजार रुपये वसूले जा चुके थे, लेकिन अब 20-20 हजार रुपये और मांगे जा रहे थे। बाबू की धमकी से परेशान संविदा कर्मचारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव को इसकी शिकायत की थी। शिकायत के बाद शुक्रवार को उज्जैन से आई टीम ने मामले में आरोपों की जांच शुरू की है।
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