लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने शनिवार को ज्ञानवापी परिसर में एक बार फिर वैज्ञानिक सर्वेक्षण कार्य शुरू किया। टीम सुबह करीब 8 बजे ज्ञानवापी पहुंची। सर्वे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। पहले दिन के सर्वे में सात घंटे से ज्यादा समय तक परिसर की आकृति तैयार की है। माप-जोख भी की गई।
खास बात ये है कि ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता भी पहुंच गए हैं। बोले- देखते हैं वहां क्या होता है। कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा और हम पूरा सहयोग करेंगे। एएसआई सर्वे के दूसरे दिन मुस्लिम पक्ष से वकील एजाज मकबूल भी ज्ञानवापी पहुंच गए हैं। बता दें कि पहले दिन के सर्वे के दौरान एएसआई के साथ हिंदू पक्ष के वकील अंदर थे और मुस्लिम पक्ष मौजूद नहीं था।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन भी ज्ञानवापी पहुंचे। उन्होंने कहा कि आज से मैं भी इस सर्वे में भाग लूंगा। एएसआई की टीम सर्वे के दौरान कई बातों का पता लगाएगी। ढांचे के नीचे क्या है और उम्र का भी पता लगाएगी। क्या ये औरंगजेब के समय का है या पहले का। इन सब बातों का खुलासा होगा। हिंदू पक्ष की पैरोकार सीता साहू भी सर्वे को लेकर ज्ञानवापी पहुंची हैं। इससे पहले उन्होंने दावा किया है कि औरंगजेब ने 1669 में मंदिर ध्वस्त कराया और उसके ढांचे को बदल दिया। तभी से हिंदू अपना अधिकार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सर्वे के दौरान प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। पूरा परिसर छावनी में तब्दील कर दिया गया है। ज्ञानवापी के गेट नंबर चार पर आरएएफ की टुकड़ी तैनात की गई है।
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