भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान मैनिट की एलआरसी बिल्डिंग में शुक्रवार को एक ड्रोन डेमोस्ट्रेशन कार्यक्रम आयोजित किया। इसका उद्देश्य स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोजेक्ट के लिए तकनीकी और वास्तविक दुनिया से संबंधित प्रोजेक्ट प्राप्त करने पर था । पीजी और पीएचडी के सौ से अधिक विद्यार्थियों ले कार्यक्रम में भाग लिया| इस मौके पर मुंबई स्थित ड्रोन कंपनी ने तीन ड्रोन का प्रदर्शन किया। एक निगरानी के लिए, दूसरा स्वायत्त ड्रोन जो स्वचालित रूप से समन्वय करता है और स्थानिक मानचित्र को कैप्चर करता है| आखिरी ड्रोन में लगभग पांच किलोग्राम पेलोड ले जाने की क्षमता है, जिसका उपयोग दूरदराज के इलाकों में चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। इस कार्यक्रम में यह जानकारी दी गई कि कैसे एआइ और एमएल ड्रोन को अधिक स्मार्ट और उपयोगी बना सकते हैं।
कार्यक्रम का समन्वय सीएसई विभाग के प्रमुख डा. दीपक सिंह तोमर, प्रो एसके कटियार और सीएसई के सहायक प्रोफेसर विजय भास्कर सेमवला ने किया। डा. तोमर ने विभिन्न प्रकार के ड्रोन के बारे में बताया। निदेशक प्रभारी डा. शैलेंद्र जैन ने विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के महत्व पर प्रकाश डाला और छात्रों को ड्रोन की समस्या को एक परियोजना के रूप में साकार करने के लिए प्रेरित किया। एम्स भोपाल के डा. शक्ति ने मैनिट और एम्स, भोपाल के बीच प्रौद्योगिकी और चिकित्सा विशेषज्ञता के लिए सहयोग की सराहना की|भारत सरकार के डिजिटल संचार आयोग के पूर्व सदस्य प्रभाष सिंह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने छात्रों को ड्रोन आधारित परियोजना शुरू करने और मैनिट को घरेलू ड्रोन निर्माण केंद्र बनाने के लिए प्रेरित किया। विभिन्न विभागों के संकाय सदस्यों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया|
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