बिहार चुनाव का आखिरी इम्तिहान! 3.70 करोड़ मतदाता, 122 सीट और 1302 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज, अंतिम चरण का मतदान शुरू बिहार By Nayan Datt On Nov 11, 2025 बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान मंगलवार को होगा. इस दौरान बिहार के करीब 3.70 करोड़ मतदाता 122 सीटों पर 1302 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. चुनाव आयोग ने मतदान को लेकर पूरी तैयारियां कर ली हैं. बताया जा रहा है कि बिहार के अन्य राज्यों से जुड़ी सीमा पर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. वहीं दिल्ली में सोमवार शाम हुए ब्लास्ट के बाद बिहार पुलिस भी अलर्ट मोड पर है. वहीं मतदान 45,399 मतदान केंद्रों पर होगा, जिनमें से 40,073 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं. यह भी पढ़ें नतीजों से पहले महागठबंधन में हड़कंप! विधायकों के बिकने का… Nov 12, 2025 Poll of Polls का बिगुल! NDA को प्रचंड जीत का अनुमान, क्लीन… Nov 12, 2025 अंतिम चरण के मतदान को लेकर चुनाव के मद्देनजर पूरे राज्य में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और चार लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी ड्यूटी में तैनात किए गए हैं. इसके अलावा मतदान को लेकर EVM डिस्पैच कर दिया गया है. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर सीआरपीएफ जवानों को तैनात कर दिया गया है. वहीं मतदान के लिए EVM के साथ रवाना हुए पीठासीन पदाधिकारी भी इस मतदान को लेकर काफी उत्साहित है. सभी को मतदान केंद्रों के आसपास ही ठहराया गया है. नीतीश सरकार आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों का होगा फैसला बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के मतदान में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल के आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों के भाग्य का भी फैसला होना है. अंतिम चरण में जिन जिलों में मतदान होना है, उनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं, ये सभी नेपाल की सीमा से सटे हुए जिले हैं. अधिकतर जिले सीमांचल क्षेत्र में आते हैं, जहां मुस्लिम आबादी का घनत्व अधिक है. ऐसे में यह चरण सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. एक ओर महागठबंधन अल्पसंख्यक समुदाय के समर्थन पर भरोसा कर रहा है, वहीं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विपक्ष पर “घुसपैठियों की रक्षा” का आरोप लगा रहा है. जदयू और बीजेपी के ये दो नेता क्या आठवीं बार जीत पाएंगे अंतिम चरण के मतदान में प्रमुख उम्मीदवारों में जनता दल (यू) के वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्रिमंडल के सबसे वरिष्ठ सदस्य बिजेंद्र प्रसाद यादव भी चुनाव लड़ रहे हैं. उनका राजनीतिक वजूद भी इस चुनाव में दांव पर है. वह सुपौल सीट से लगातार आठवीं बार जीत दर्ज करने का प्रयास कर रहे हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार के मंत्री प्रेम कुमार भी गया टाउन सीट से लगातार आठवीं बार चुनाव मैदान में हैं. उन्होंने 1990 से लगातार सात बार इस सीट पर जीत हासिल की है. इन नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी वहीं इसके अलावा भाजपा की रेनू देवी (बेतिया), नीरेज कुमार सिंह बबलू (छातापुर) और जद (यू) की लेशी सिंह (धमदहा), शीला मंडल (फुलपरास) और जामा खान (चैनपुर) की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है. भाजपा के एक अन्य प्रमुख नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद कटिहार सीट से लगातार पांचवीं बार जीत दर्ज करने की कोशिश कर रहे हैं. कटिहार जिले की बलरामपुर और कदवा सीटों से क्रमशः भाकपा (माले) लिबरेशन के महबूब आलम और कांग्रेस के शकील अहमद खान लगातार तीसरी जीत के प्रयास में हैं. ‘हम’ और ‘रालोमो’ की भी परीक्षा दूसरे चरण का चुनाव राजग के दो सहयोगी दलों हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) की ताकत की भी परीक्षा माना जा रहा है. दोनों दलों को छह-छह सीटें मिली हैं. ‘हम’ की सभी छह सीटों पर इसी चरण में मतदान होना है. इनमें इमामगंज, बाराचट्टी, टेकारी और सिकंदरा सीटें पार्टी के पास हैं और मौजूदा विधायक फिर से मैदान में हैं. जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा ने झोंकी ताकत गौरतलब है कि हम प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इमामगंज सीट पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव में गया से जीतने से पहले छोड़ी थी. उपचुनाव में यह सीट उनकी बहू दीपा मांझी ने जीती थी, जबकि बाराचट्टी सीट दीपा की मां ज्योति देवी के पास है. राष्ट्रीय लोक मोर्चा, जिसकी स्थापना दो वर्ष पहले हुई थी और अभी उसकी विधानसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, इस बार छह उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. इनमें पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता (सासाराम) और उनके करीबी सहयोगी माधव आनंद (मधुबनी) भी शामिल हैं, जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों ही दलों ने इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है. कई दलबदलू उम्मीदवार भी मैदान में राज्य कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम (कुटुंबा) आरक्षित सीट से लगातार दूसरी बार जीत की कोशिश में हैं. कई दलबदलू उम्मीदवार भी मैदान में हैं. इनमें मोहानिया की विधायक संगीता कुमारी शामिल हैं, जिन्होंने 2020 में राजद के टिकट पर जीत हासिल की थी और अब भाजपा से चुनाव लड़ रही हैं. नवादा की विधायक विभा देवी हाल ही में राजद छोड़कर जद (यू) में शामिल हुई हैं. इसी तरह कांग्रेस कोटे से मंत्री रहे मुरारी गौतम ने पिछले वर्ष नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने के बाद राजग का रुख किया और अब वे लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के टिकट पर अपनी पुरानी सीट चेनारी से मैदान में हैं. 7.69 लाख युवा मतदाता निभाएंगे अहम भूमिका दूसरे चरण के 3.7 करोड़ मतदाताओं में 1.75 करोड़ महिलाएं हैं। इनमें से 2.28 करोड़ मतदाता 30 से 60 वर्ष की आयु के बीच हैं, जबकि 18-19 वर्ष के युवा मतदाताओं की संख्या 7.69 लाख है. नवादा जिले की हिसुआ सीट में सबसे अधिक मतदाता (3.67 लाख) हैं, जबकि लौरिया, चनपटिया, रक्सौल, त्रिवेणीगंज, सुगौली और बनमखी सीटों पर सबसे अधिक प्रत्याशी (22-22) मैदान में हैं. वहीं, पहले चरण में 121 सीटों पर 65 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था, जिसे राज्य का “अब तक का सबसे अधिक” मतदान बताया गया. Share